नियम को ताक में रख जिले में हो रहा रेत उत्खनन – परिवहन, कार्यवाही के नाम पर नहीं दिख रहा ठोस परिणाम
दमकते रेत के व्यापार में लिप्त ठेकेदार नहीं देख रहे एनजीटी नियम, जलीय जीवों के जीवन सहित रोजगार का संकट
अमित कुमार स्वतंत्र @ समय INDIA 24 सीधी। जिले में अवैध तरीके से रेत उत्खनन – परिवहन करने वाले माफ़ियो का आतंक व्याप्त है और प्रशासन अपनी लचर व्यवस्था को लेकर संतुष्ट है। अवैध उत्खनन माफ़िया प्रशासन को ही नहीं बल्कि एनजीटी के नियमो को भी ठेंगा दिखाने से गुरेज नहीं कर रहे है। रेत व्यापार से इच्छा पूर्ति कमाई के लिए ठेकेदार मजदूरों की बजाय भारी मशीनों का उपयोग कर जलीय जीवों के जीवन को संकट में ला खड़ा कर दिया है और रोजगार मशीनों को दे दिया है। नुक्कड़ व बाजारों में चल रही चर्चाओं का जिक्र करे तो रेत व्यापार के पैसे का लालच कुछ इस तरह सिर पर चढ़ गया है कि माफियों के हौसलें दिनों दिन बुलंद हो रहे हैं और डंके की चोट पर कई गुना रेट पर रेत का व्यापार किया जा रहा है।
सतत रेत खनन प्रबंधन दिशानिर्देश की अनदेखी
रेत ठेकेदार द्वारा खान एवं खनिज के नियमो को अनदेखा कर नदी के पुल किनारे रेत का उत्खनन किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा जारी सस्टेनेबल सैंड माइनिंग मैनेजमेंट गाइडलाइन्स अनुसार पुल से 200 मीटर के अंदर उत्खनन करना प्रतिबंधित है लेकिन स्थानीय प्रशासन किसी भी प्रकार कार्यवाही करने से गुरेज कर रहा है और इसका परिणाम यह है कि नियमो को ठेंगा दिखा कर बिना भय के ठेकेदार द्वारा उत्खनन किया जा रहा है।
किलो के भाव बिक रही रेत – सांसद अजय प्रताप
लोक सुराज यात्रा के समापन दौरान जनता को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने कहा कि तीन सौ प्रतिशत लाभ के साथ जिले में रेत बेचा जा रहा है जनता को लूटा जा रहा है। प्रशासन ठेकेदार को सामने बैठा कर बात करे अन्यथा मैं कलेक्टेट के सामने धरने में बैठूंगा। रेत नही सोना हो गया है किलो के भाव में बिकने लगा है। रेत हमारी है नदी हमारी है और फायदा दुनिया वाला उठा रहा है। इन सब में समस्या प्रधान मंत्री आवास बनाने वाले को और जिले के गरीब – मजदूर , आम जनता को हो रही है।
घटते जल स्तर को लेकर नहीं दिख रही चिंता –
जानकारों की मानें तो नियम विरूद्व तरीके से लगातार रेत खनन कार्य के चलते नदी के समीपी गॉवों में जल स्तर दिनों दिन गिरता जा रहा है तो वहीं अपनी पैठ रखने वाले माफिया नदी के बीच से बालू खनन और लोड करने का काम धड़ल्ले से कर रहे है। खनन कार्य हेतु मिले पट्टे की परमिट के आड़ में नदी की बीच से बालू निकालकर उसे वैध बना लिया जाता है । जलीय जीवो के जीवन और पर्यावरण गंभीर रूप से प्रभावित तो हुआ ही है बल्कि नदी में रहने वाले जलीय जीवों का वजूद भी लगभग समाप्त हो रहा है।
वाहन की छमता से ज्यादा रेत का हो रहा परिवहन –
जिले में हो रहे ओवर लोड व बिना टीपी रेत के परिवहन को देख अनुमान लगाया जा सकता है कि जैसे प्रशासन से हरी झंडी दिखाई जा चुकी हो। सूत्रों की मानें तो इन रेत माफियाओं पर कलर युक्त पोशाक धारण करने वाले लोगों की विशेष मेहरवानी चल रही है जिसका परिणाम यह है की छमता से ज्यादा रेत परिवहन आये दिन होने के बाबजूद भी उचित विधिक कार्यवाही में विभाग द्वारा कोताही वरती जा रही है।
https://samayindia24.comबिहान-संवाद-समाचार-पत्र-02-nov-21/
क्या है एनजीटी –
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट 2010 में भारतीय संसद में पेश हुआ। जिसमें एक ऐसे ट्रिब्यूनल के बनने की बात कही गई जो पर्यावरण के मुद्दों पर फैसला दे। यह एक्ट और इसके अंतर्गत बना ट्रिब्यूनल भारतीय नागरिकों के स्वस्थ पर्यावरण मिलने के अधिकार की बात करता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का गठन 18 अक्टूबर 2010 में किया गया। यह पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के प्रभावी और जल्दी निराकरण के लिए बनाया गया था। ये मुद्दे खासतौर पर पर्यावरण के अंतर्गत जंगलों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने अन्य प्राकृतिक स्त्रोतों का संरक्षण पर्यावरण से जुड़े कानूनी अधिकारों की रक्षा और किसी नागरिक के अधिकारों के हनन पर उन्हें आर्थिक सहायता मुहिया कराने से जुड़े थे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को खासतौर पर ऐसे अधिकार दिए गए जिनके इस्तेमाल से पर्यावरण से जुड़े विवाद सुलझाए जा सकें।
रेत माफ़ियो से नदी बचाने एवं महंगी रेत को लेकर होगा आंदोलन
विगत दिवस जिला प्रशासन को टोंको-रोको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा सहित अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा रेत उत्खनन और विक्रय को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है। उमेश तिवारी ने बताया कि सैनिक इंडस्ट्रीज के ठेकेदार द्वारा रेत खदानों में पर्यावरण एवम शासन द्वारा बनाई गई नीतियों को ताक पर रखकर मनमानी तरीके से गोपद नदी में अवैध तरीके से रेत उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। ठेकेदार की तानाशाही पर रोक लगाए जाने हेतु ग्राम टिकरी (तेंदूपत्ता गोदाम के पास) में दिनांक 8 नबम्बर 2021 से अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन किया जाएगा।
इनका कहना है –
विभाग द्वारा समय – समय पर निरीक्षण किया जाता है। यदि कही नियमो का उल्लघंन हो रहा है वहा जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।
– दीपमाला त्रिपाठी (खनिज अधिकारी सीधी)
शासन के नियम और मापदंडों के अनुरूप खदाने संचालित होनी चाहिए। भाजपा के सरकार में अवैध तरीके के कारोबार को पनपने नहीं दिया जाएगा। जहां भी अव्यवस्थाएं है वहा प्रशासन को कार्यवाही करनी होगी।।
– एड. बद्री मिश्रा ( जिला उपाध्यक्ष – भाजपा सीधी)
प्रशासन पूरी तरह से लाचार दिख रहा है। बीजेपी के सरकार में रेत ठेकेदारों को अवैधानिक रूप से उत्खनन करने पर कार्यवाही का भय नही है। जनता द्वारा चुने हुए जन प्रतिनिधियों का इन्हे संरक्षण है।
– एड. रोहित मिश्रा
(अध्यक्ष – जिला कांग्रेस उपभोक्ता प्रकोष्ठ सीधी)