सत्तापक्ष के नेता के प्रति जिला प्रशासन की भूमिका संदेहपूर्ण: लालचन्द

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सत्तापक्ष के नेता के प्रति जिला प्रशासन की भूमिका संदेहपूर्ण: लालचन्द

गरीब जनता के अन्न चोरी करने वाले भाजपा नेता पे कार्यवाही करने के वजाय उपखंड अधिकारी का तबादला दुर्भाग्यपूर्ण

समय INDIA 24, सीधी। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष लालचन्द गुप्ता द्वारा अपने जारी एक बयान में कहा गया कि जिला प्रशासन सत्तापक्ष के दबाव में आकर भाजपा जिला सीधी के जिला मंत्री व स्टोन क्रेशर संचालक लवकेश सिंह द्वारा गरीबों के अनाज को गटकने का मामला सामने आया था, एक तरफ भाजपा अन्नोत्सव मनाने का ढोंग करती है और दूसरी तरफ उनके ही नेता गरीबों के अनाज हडप लेते हैं और निरंतर चली आ रही धांधली पर जब सवाल उठाये जाते हैं और जांच में दोषी पाया जाता है तो भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में बैठे हुए जनप्रतिनिध और संगठन दोनों ऐड़ी चोटी लगाने लगते हैं दोषी को बचाने में, और जांच को प्रभावित करने के लिए उपखंड अधिकारी का तबादला कर दिया जाता है। ज्ञात हो कि पिछले कुछ दिनों महखोर उचित मूल्य की दुकान का मामला सामने आया है जहां उपखंड अधिकारी मझौली के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/1017/प्रवा/17/2021 दिनांक 2 अगस्त 2021 के तहत दलप्रताप सिंह पैगाम कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी मझौली जिला सीधी मध्यप्रदेश को आदेश जारी किया गया जिसमें कार्यालय कलेक्टर (खाघ) जिला सीधी के पत्र क्रमांक/706/2021 दिनांक 6 जुलाई 2021 का हवाला देते हुए लेख किया गया है कि लवकेश सिंह परिवहनकर्ता स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन सीधी कार्य क्षेत्र जनपद पंचायत मझौली के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 एवं आईपीसी की संगत धाराओं के तहत अभियोजन की कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गये है उसी को आधार मानकर
निर्देशित किया गया कि कार्यालय उपखंड अधिकारी मझौली से प्रस्तुत प्रतिवेदन व संलग्न दस्तावेजों की सत्य प्रतिलिप तथा कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त अभियोजन की प्रति प्राप्त कर थाना मझौली में लवकेश सिंह के विरूद्ध मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश के अंतर्गत आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं आईपीसी के संगत धाराओं के तहत नजदीकी थाना मझौली में प्राथमिकी दर्ज कराकर कार्यालय को सूचित किया जाए। उपखंड अधिकारी द्वारा कलेक्टर सीधी के आदेशानुसार 8 जुलाई 2021 को उपरोक्त मामलें को लेकर प्रतिवेदन सौंपा गया था जिसमें उल्लेख किया गया है कि माह जनवरी, फरवरी एवं मार्च 2021 का खाद्यान्न शासकीय उचित मूल्य की दुकान महखोर पर भंडारण ना किए जाने के संबंध में जांच किया गया जिसमें जन शिकायत के आधार पर एवं विक्रेता के जारी नोटिस के बाद आए जबाव में 24.63 क्विंटल गेंहू का घोटाला सामने आया है, परिवहनकर्ता के द्वारा दिनांक 12 मार्च 2020 को 49 बोरी यानी 24.63 क्विंटल गेंहू प्रदान नहीं किया गया है किंतु बैंक में जमा चालान में उक्त गेंहू का चालान परिवहनकर्ता द्वारा बैंक के माध्यम से समायोजित कराया गया है जबकि गेंहू आज तक प्राप्त नहीं हुआ है, जिसमें विक्रेता के पास पावती रसीद के कार्बन प्रति में उफ गेंहू का उल्लेख नहीं है, जिसकी मांग विक्रेता अपने जबाब में किया और यह भी कहा कि इसी तरह प्रतिमाह 1से 2 क्विंटल खाद्यान्न परिवहनकर्ता द्वारा कम दिया जाता है। श्री गुप्ताा ने  कहा कि जांच के निष्कर्ष में लेख किया गया है कि परिवहनकर्ता समस्त खाद्य आपूर्ति श्रंखला को बाधित करने के लिए जिम्मेदार है जिसमें 24.63 क्विंटल गेंहू अभी भी वितरण नहीं हुआ है जिसमें परिवहनकर्ता का लाइसेंस तत्काल निरस्त किया जाए तथा 24.63 क्विंटल गेंहू की वसूली की जाए एवं परिवहनकर्ता के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज कराने के लिए आदेश दिए गये थे। जिसमें जिला प्रशासन सत्तापक्ष के दबाव में आकर मझौली उपखंड अधिकारी का तबादला कर दिया गया और मामले की पुनः जांच के लिए आदेशित किया गया है जिससे जांच को प्रभावित किया जा सके, जिस वजह से प्रशासन की भूमिका पे जनता द्वारा सवाल उठाया जा रहा है, जिसमें आम जनता और कांग्रेस पार्टी की मांग है कि मामले की निष्पक्षता से जांच करायी जाए अन्यथा कांग्रेस पार्टी पूरी ताकत के साथ इसका सड़क पर विरोध करेगी। श्री गुप्ता ने कहा कि इसमें स्थानीय विधायक को भी चुप्पी तोड़कर बचाव करने के वजाय दोषियों को सजा दिलाकर जनता के साथ न्याय करे।