कविता – आई गई चुनाव जनपदी

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आई गई चुनाव जनपदी

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गली-गली, घर-घर, बाट्य लागे फ़र्दी 

लागत है की आई गई चुनाव जनपदी

जे कल तक नही जानत रहे हमरऊ नाम

आज गोडे आगौछी रख्खत हा

पुन अब हमका लागत है

भैया लड़े चुनाव जनपदी हा !!

गोड़ छुईके के कहिंही

हमार नईया लगाई पार

उगिल देई सलगी मलाल

गलती बिसराई हमार !!

कहव बिदुराइन बेजा न माने भैईया

खूब दिखन तोहराउ पांच साल के कमईया

जितबे के बाद केउ न निहरहीं

कुछ कहि देब ता सौहय कपार मरहीं !!

चाहे हम भैईया का जीताई

चाहे जीताई काका का

घर ता उनखर भरी 

हमरे रही लुआठ के फांका!!

सलगे गांव का दतनिपोर मानिके

लागे बांटय पैसा-फ़र्दी।।

पुन अब हमका लागत है

भैईया आई गई चुनाव जनपदी!!

 

रचनाकारअमित कुमार गौतम ”स्वतन्त्र”

ग्राम – रामगढ न.2, तहसील – गोपद बनास, जिला – सीधी (म. प्र.) 486661