एलपीजी गैस सिलेंडर का चल अवैध कारोबार, प्रशासन बना मूकदर्शक

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एलपीजी गैस सिलेंडर का चल अवैध कारोबार, प्रशासन बना मूकदर्शक

मापदंडों को दरकिनार कर शुरू है रिफलिंग का कार्य, जान – माल को खतरा

अमित कुमार गौतम “स्वतंत्र” – समय INDIA 24 सीधी। जिले में एलपीजी गैस के अवैध कारोबार को प्रशासन रोकने में विफल दिख रहा है। यहां तक कि अनाधिकृत रूप से जगह – जगह रिफलिंग सेंटर खुले हुए हैं और इन सेंटरों में मनमाने दाम पर सिलेंडर में एलपीजी गैस की रिफिलिंग की जा रही है। सूत्रों की माने तो गैस – चुल्हा ठीक करने व बेचने के नाम पर दुकानदार अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर अलग-अलग घरेलू गैस कनेक्शन लेते हैं और प्रत्येक कनेक्शन में दो-दो सिलेंडर ,  फिर उसे रिफिलिंग कर ज्यादा कीमत पर बेचते हैं। इन सिलेंडरों में वास्तविक वजन से कम वजन रहता है। ऐसे में एलपीजी गैस का अवैध कारोबार करने वाले इन व्यवसाइयों के दोनों हाथो में लड्डू ही लड्डू है। अवैध कारोबार के इस सिंडिकेटो की पकड़ इतनी मजबूत है कि कोई कार्यवाई नहीं हो रही है।  यही कारण है कि शहर व विभिन्न नगरों में हो रहे खुले आम रिफलिंग से रहवासियों के जन जीवन पर चौबीस घंटे संकट मंडराता रहता है।

घरेलू गैस कनेक्शन से गुलजार हो रहे व्यवसायिक प्रतिष्ठान – खाद एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के कारण घरेलू गैस सिलेंडरो का शहर व शहर के बाहर संचालित होटलों, ठेला, आभूषण के दुकान एवं समारोह में खुलेआम व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है यही नहीं शासन को प्राप्त होने वाले राजस्व को भी सिंडिकेटो द्वारा चपत लगाया जा रहा है। घरेलू गैस सिलेंडर के व्यावसायिक उपयोग पर प्रतिबंध है और यह अपराध के श्रेणी में आता है लेकिन मजबूत पकड़ और प्रशासन की अनदेखी से किसी भी प्रकार व्यापारियों में भय नहीं है।

 

🔷 अवैध रिफलिंग कारोबार पर प्रशासन कब कसेगा शिकंजा?

🔷 आपूर्ति विभाग के अधिकारी कब होगे संवेदनशील?

🔷 मापदंडों के अनुरूप क्यों नही हो रहे रिफलिंग के कार्य?

🔷 अप्रिय घटनाओं का कौन होगा जिम्मेवार?

🔷 घरेलू गैस सिलेंडर का व्यवसायिक उपयोग कब तक?

 

कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा – जगह-जगह जिस प्रकार सुरक्षा के मापदंडों को दरकिनार करते हुए अवैध ढंग से गैस रिफिलिंग का कार्य किया जा रहा है इससे आशंका जताई जा सकती है कि जिले में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। शहर व नगर में घनी आबादी और व्यावसायिक प्रतिष्ठान है ऐसे में मापदंडों को दरकिनार कर अनाधिकृत प्रतिष्ठानों द्वारा किए जा रहे गैस रिफलिंग का काम कभी भी जन जीवन को प्रभावित कर सकता है। घरेलू से छोटे सिलेंडर में गैस भरने की प्रक्रिया में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं बल्कि एक नली के सहारे गैस प्रवाहित किया जाता है। जिससे हमेशा किसी बड़े हादसे का खतरा मंडराता है। बल्कि एलपीजी गैस का अवैध कारोबार करने वाले दुकानों में अग्निशमन की समुचित व्यवस्था भी नहीं होती है। सवाल यह उठता है भविष्य में यदि किसी भी प्रकार कोई अप्रिय घटना होती है तो कौन इसका जिम्मेवार होगा? लेकिन समय रहते प्रशासन ऐसे प्रतिष्ठानों के विरुद्ध कार्यवाही करता है तो शायद इससे बचा भी जा सकता है।

चार तरह के होते हैं एलपीजी गैस सिलें – घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए मुख्यतः एलपीजी गैस के चार तरह के सिलेंडर होते हैं। घरेलू उपयोग के लिए 14 किलोग्राम 200 ग्राम का बड़ा और पांच किलोग्राम का छोटा सिलेंडर होता है। व्यवसायिक उपयोग के लिए 19 किलोग्राम का बड़ा और पांच किलोग्राम का छोटा सिलेंडर होता है। घरेलू उपयोग वाले सिलेंडर का रंग लाल और व्यवसायिक सिलेंडर का रंग नीला होता है। घरेलू या व्यवसायिक एलपीजी सिलेंडर लेने के लिए नियमानुसार रजिस्ट्रेशन कराना होता है।

इनका कहना है :-

नियमो का  उल्लघंन करने वाले प्रतिष्ठान व संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी

– श्रेयस गोखले (एसडीएम सीधी

शिकायत व सूचना मिलने पर विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। निरीक्षण के दौरान उल्लंघन पाए जाने पर कार्यवाही हो

– आशुतोष तिवारी (डीएसओ सी

घरेलू गैस सिलेंडरो का कालाबाजारी होटलों में ऊंचे दामों पर किया जा रहा है इससे आम आदमी को भी परेशानी का सामना करना पड़ता ही है साथ ही शासन के राजस्व को नुकसान पहुंचता है। इसमें रोक लगाने की आवश्यकता और सही क्रियान्वय

– एड. बद्री मिश्रा (जिला न्यायालय सीधी)